Aditya-L1 आदित्य एल-1 के बुरी खबर सतर्क ही जाये इंडिया वाले
भारतीय Aditya-L1 latest news अंतरिक्ष से गुरुवार 4 सितंबर को आदित्य-एल1 पर लगे कैमरे से ली गई पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें, aditya-l1, सूर्य और पृथ्वी L1 बिंदु के लिए निर्धारित है, जो पृथ्वी और चंद्रमा की तस्वीरें गई थी aditya l1 mission isro
Aditya-L1 latest news भारत ने सूर्य पर जाने के लिए एक मिशन बनाया इसलिए इस मिशन को “aditya-l1“ कहा जाता है, और यह सूर्य के सबसे करीबी बिंदु पर एक अंतरिक्ष यान को भेजने का प्रयास किया गया, मिशन का लक्ष्य सूर्य के वायुमंडल, कोरोना, आदि चीजो का खोज करना है जिसके बारे में निचे विस्तार से बताया है।
भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला (PRL) में अंतरिक्ष और वायुमंडलीय विज्ञान के प्रोफेसर डॉ दिब्येंदु चक्रवर्ती ने कहा, स्टेप्स अब अंतरिक्ष से काम कर रहा है. लेकिन पहले से बेकार नहीं बैठा था. जबकि 10 सितंबर से पृथ्वी के चुंबकीय क्षेत्र के भीतर काम करना शुरू कर दिया है, जबकी आदित्य L1 हमारे ग्रह से 52,000 किलोमीटर ऊपर था.
गणितज्ञ वैज्ञानिकों के अनुसार, पृथ्वी और सूर्य के बीच पांच ‘लैग्रेंजियन’ बिंदु (या पार्किंग क्षेत्र) हैं, जहां पहुंचने पर कोई वस्तु वहीं पर रुक जाती है. जोकि लैग्रेंजियन बिंदुओं का नाम इतालवी-फ्रांसीसी गणितज्ञ जोसेफ-लुई लैग्रेंज के नाम पर रखा गया है.
Aditya-L1 मिशन का लक्ष्य क्या है?
Aditya-L1 अंतरिक्ष यान को सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के लैग्रेंजियन बिंदु (L1) के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित करने की योजना बनाई है जबकि पृथ्वी से 15 लाख किमी दूर है। और लैग्रेंजियन बिंदु भी हैं जहां दो वस्तुओं के बीच कार्य करने वाले सभी गुरुत्वाकर्षण बल एक-दूसरे को निष्प्रभावी कर देते हैं। इस वजह से एल1 बिंदु का उपयोग अंतरिक्ष यान के उड़ने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
आदित्य L1 क्या है?
आदित्य L1 (L1) का मतलब ‘लाग्रेंज बिंदु 1 है. जो की लाग्रेंज बिंदु अंतरिक्ष में वो स्थान हैं, जहां दो बड़े पिंडों सूर्य और पृथ्वी का गुरुत्वाकर्षण आपस में बैलेंस हो जाता है. जो की आदित्य-एल1 कक्षा तक पहुंचने वाले सौर ऊर्जावान कणों के प्रवाह का अध्ययन करेगा, जबकि एक मैग्नेटोमीटर पेलोड L1 के चारों ओर हेलो कक्षा में चुंबकीय क्षेत्र की ताकत में भिन्नता को मापेगा।
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Aditya-L1 मिशन के उद्देश्य क्या हैं?
महत्वाकांक्षी सौर मिशन कोरोना “सूर्य के वायुमंडल का सबसे बाहरी भाग की बनावट है” जबकि तापमान, सौर विस्फोट और सौर तूफान के कारण उत्पत्ति हुई है, कोरोना और कोरोनल लूप प्लाज्मा की बनावट से वेग और घनत्व, कोरोना के चुंबकीय क्षेत्र की माप, कोरोनल मास इजेक्शन इन सब के कारण सूरज में होने वाले सबसे शक्तिशाली विस्फोट है जो सीधे पृथ्वी की ओर आते हैंl जिसके अंतरगत उत्पत्ति, विकास की गति, सौर हवाएं और अंतरिक्ष के मौसम के बारें में जानकारी को इकट्टा करने और कारन के वारे में अध्ययन करने का प्लान हैl
Aditya-L1 मिशन को वैज्ञानिक ने उपयोग करेगा
- सोलर कॉरोनल इमेजर (SCI): यह उपकरण सूर्य के कोरोना को चरम पराबैंगनी (EUV) प्रकाश में छवि देगा।
- सोलर एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (SXS): यह उपकरण सूर्य के एक्स-रे स्पेक्ट्रम को मापेगा।
- सोलर विंड प्लाज़्मा विश्लेषक (SWAP): यह उपकरण सौर हवा के प्लाज़्मा को मापेगा।
- मैग्नेटोमीटर (MAG): यह उपकरण सूर्य के चुंबकीय क्षेत्र को मापेगा।
- सोलर पार्टिकल मॉनिटर (SPM): यह उपकरण सौर ऊर्जा कणों को मापेगा।
- इन-सीटू सोलर स्पेक्ट्रोमीटर (ISS): यह उपकरण सौर हवा के प्लाज़्मा और ऊर्जा कणों को इन-सीटू मापेगा।
Aditya-L1 2024 का प्लान क्या है?
Aditya-L1 मिशन एक चुनौतीपूर्ण मिशन है। जो सूर्य का वातावरण बहुत गर्म और कठोर है। जिसके अंतरिक्ष यान को सूर्य के विकिरण से बचाने के लिए ऐसे तरीका को अपनाये हैl
Aditya-L1 मिशन को सफल होने के बाद भारत के लिए एक बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। यह दुनिया का पहला अंतरिक्ष यान होगा जो सूर्य के सबसे करीबी बिंदु पर जाएगा।
Aditya-L1 सूर्य के वायुमंडल, कोरोना, का अध्ययन करने के लिए कोरोना सूर्य का सबसे बाहरी वायुमंडल है। जो सूर्य के तापमान का लगभग 99% है। कोरोना बहुत गर्म है, जिसके बारे में जानकारी को प्राप्त करेगाl जिससे वैज्ञानिकों को सूर्य के बारे में अधिक जानने में मदद मिलेगी।
सारांश(Summary)
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सूर्य का विस्तृत अध्ययन करने के लिए सात अलग-अलग पेलोड ले जाने वाले आदित्य-एल1 को लैग्रेंजियन पॉइंट 1 के चारों ओर एक प्रभामंडल कक्षा में रखा जाएगा, जो सूर्य की दिशा में पृथ्वी से 1.5 मिलियन किमी दूर है।, aditya l1 latest update
अंतरिक्ष यान, जो सूर्य का अध्ययन करने के मिशन पर है, वर्तमान में सूर्य-पृथ्वी एल1 बिंदु के रास्ते में है, जो अंतरिक्ष में एक अद्वितीय स्थान है जहां सूर्य और पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण शक्ति संतुलन में है।
“आदित्य” का नाम सूर्य और आदित्यों के नाम पर रखा गया है, जो सूर्य का प्रतिनिधित्व करने वाले हिंदू देवता हैं। “एल1” पदनाम लैग्रेंज बिंदु 1 को दर्शाता है, जो सूर्य और पृथ्वी के बीच स्थित सटीक स्थान को दर्शाता है जहां अंतरिक्ष यान रवाना होने के लिए तैयार है। aditya l1 latest update, aditya l1 latest update