Chandrayaan 3 Landing Time 2023 अगस्त को आई बाधा तो 24 को उतरेंगे चंद्रयान 3 ISRO वैज्ञानिक ने बताया
Chandrayaan 3 Landing Time 2023 चंद्रयान 3 की लैंडिंग टाइम और डेट आगे बढ़ गई है। जबकि लैंडिंग डेट 23 अगस्त, 2023 को भारतीय समयानुसार शाम 6:04 बजे होने वाली थी। हालांकि, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 22 अगस्त, 2023 को घोषणा की कि लैंडिंग 24 अगस्त, 2023 को शाम 6:12 बजे में की जाएगी l
ISRO ने इस देरी के लिए मौसम की स्थिति को जिम्मेदार ठहराया। 23 अगस्त को, चांद पर मौसम खराब होने की भविष्यवाणी की गई थी, जिससे लैंडिंग खतरे में पड़ सकती थी। इसलिए, ISRO ने सुरक्षित पक्ष लेने और लैंडिंग को एक दिन आगे बढ़ाने का फैसला किया।
Chandrayaan 3 की लैंडिंग डेट को आगे बढ़ाने के दो कारण है ?
- मौसम की स्थिति: 23 अगस्त, 2023 को चांद पर मौसम खराब होने की भविष्यवाणी की गई थी। इस मौसम में, चांद पर धूल और धुंध का प्रसार अधिक होता है, जिससे लैंडिंग के लिए दृश्यता खराब हो सकती है। इसलिए, ISRO ने सुरक्षित पक्ष लेने और लैंडिंग को एक दिन आगे बढ़ाने का फैसला किया।
- अंतरिक्ष यान की स्थिति: लैंडिंग से पहले, चंद्रयान 3 को अपने अंतिम कक्ष में स्थानांतरित किया जाना था। यह एक जटिल प्रक्रिया है, जो कुछ समय ले सकती है। ISRO ने सुनिश्चित करने के लिए कि लैंडिंग के लिए अंतरिक्ष यान पूरी तरह से तैयार रहे, इस लिए लैंडिंग को एक दिन आगे बढ़ा दिया गया
Chandrayaan 3 दक्षिणी ध्रुव पर क्यों उतरा जाएगा
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Chandrayaan 3 को दक्षिणी ध्रुव पर उतारने के दो मुख्य कारण हैं:
- महत्वपूर्ण स्थान: चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर बर्फ और पानी की संभावना अधिक है, जो चंद्रमा के इतिहास और विकास के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर सकती है। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर इन संसाधनों की खोज और अध्ययन करेंगे।
- तकनीकी चुनौती: दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा का सबसे ठंडा और अंधेरा क्षेत्र है। यहां तापमान -248 डिग्री सेल्सियस से लेकर 414 डिग्री तक गिर सकता है और चंद्रमा की सतह पर सूर्य का प्रकाश कभी नहीं पहुंचता है। चंद्रयान-3 को इस कठोर वातावरण में उतरने और संचालित करने में सक्षम होगा।
वैज्ञानिकों को कहना है की चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर चंद्रमा की सतह के नीचे एक विशाल जलयुक्त बर्फ का क्षेत्र माना जाता है। यह क्षेत्र चंद्रमा के कुल पानी का लगभग 20% है। चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर कर के बर्फ से संबंधित उसके आसपास मिली जानकारी को खोज और अध्ययन कर देगा l chandrayaan 3 landing time
दक्षिणी ध्रुव पर उतरना एक तकनीकी चुनौती भी है। इस क्षेत्र में चंद्रमा की सतह बहुत कठोर और असमान है। चंद्रयान-3 के लैंडर को इस कठिन सतह पर सुरक्षित रूप से उतरना होगा।
सारांश (Summary)
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